BHJMC कोर्से Fees, Admission, सिलेबस, Subject, जॉब, सैलरी, Career & More

BHJMC Courseअगर आप उन स्टूडेंट्स में से हैं जिन्हें लिखने, बोलने और दुनिया की हर छोटी-बड़ी खबर में दिलचस्पी है, तो BA (Hons.) in Hindi Journalism and Mass Communication कोर्स आपके लिए एक बेहतरीन करियर की शुरुआत हो सकता है। यह कोर्स खास तौर पर उन छात्रों के लिए बनाया गया है जो हिंदी भाषा में पत्रकारिता और मीडिया की दुनिया में अपना नाम बनाना चाहते हैं। भारत में हिंदी मीडिया इंडस्ट्री बहुत तेजी से बढ़ रही है, इसलिए इस फील्ड में स्किल्ड प्रोफेशनल्स की मांग भी काफी ज्यादा है।

BA (Hons.) in Hindi Journalism and Mass Communication का परिचय (Introduction)

BA (Hons.) in Hindi Journalism and Mass Communication तीन साल का अंडरग्रेजुएट डिग्री कोर्स है। इस कोर्स का मुख्य उद्देश्य छात्रों को हिंदी पत्रकारिता के सभी पहलुओं, जैसे- रिपोर्टिंग, एडिटिंग, एंकरिंग, रेडियो जॉकिंग, विज्ञापन, पब्लिक रिलेशन्स और डिजिटल मीडिया की गहरी समझ देना है। यह कोर्स उन लोगों के लिए सबसे अच्छा है जिनकी हिंदी भाषा पर अच्छी पकड़ है और वे अपनी बात को प्रभावी ढंग से लोगों तक पहुंचाना चाहते हैं। भारत में, जहाँ हिंदी बोलने और समझने वालों की संख्या बहुत बड़ी है, यह कोर्स छात्रों को एक विशाल ऑडियंस से जुड़ने का मौका देता है। इस कोर्स के माध्यम से छात्र न केवल पत्रकारिता की तकनीक सीखते हैं, बल्कि समाज, संस्कृति और राजनीति के मुद्दों पर भी अपनी समझ विकसित करते हैं।

BA (Hons.) in Hindi Journalism and Mass Communication का क्विक ओवरव्यू (Quick Information)

कोर्स का नाम बैचलर ऑफ आर्ट्स (ऑनर्स) इन हिंदी जर्नलिज्म एंड मास कम्युनिकेशन
कोर्स लेवल अंडरग्रेजुएट (UG) डिग्री
अवधि (Duration) 3 साल (कुछ यूनिवर्सिटी में NEP 2020 के तहत 4 साल का विकल्प भी है)
योग्यता (Eligibility) किसी भी स्ट्रीम से 10+2 पास (आमतौर पर 50% अंकों के साथ)
एवरेज फीस (सरकारी और प्राइवेट) सरकारी कॉलेज: ₹3,000 – ₹20,000 प्रति वर्ष
प्राइवेट कॉलेज: ₹35,000 – ₹2,50,000 प्रति वर्ष
कॉमन करियर ऑप्शन रिपोर्टर, एडिटर, कंटेंट राइटर, एंकर, रेडियो जॉकी, पीआर ऑफिसर

BA (Hons.) in Hindi Journalism and Mass Communication कोर्स ओवरव्यू

यह कोर्स सिर्फ किताबी ज्ञान तक सीमित नहीं है, बल्कि इसमें प्रैक्टिकल ट्रेनिंग पर बहुत जोर दिया जाता है। छात्रों को न्यूज रिपोर्टिंग, वीडियो एडिटिंग, कैमरा हैंडलिंग, पेज डिजाइनिंग और डिजिटल कंटेंट बनाने जैसी स्किल्स सिखाई जाती हैं। इस कोर्स का मकसद छात्रों को इंडस्ट्री के लिए तैयार करना है ताकि वे पढ़ाई पूरी करते ही किसी भी मीडिया हाउस में काम शुरू कर सकें। आप इस कोर्स में सीखेंगे कि एक अच्छी न्यूज स्टोरी कैसे लिखी जाती है, इंटरव्यू कैसे लिया जाता है, और मीडिया एथिक्स (नैतिकता) क्या होती है। यह कोर्स आपकी कम्युनिकेशन स्किल्स, रिसर्च एबिलिटी और क्रिएटिविटी को निखारने में मदद करता है।

BA (Hons.) in Hindi Journalism and Mass Communication की पात्रता (Eligibility Criteria)

इस कोर्स में एडमिशन लेने के लिए कुछ सामान्य शर्तें होती हैं, जो ज्यादातर कॉलेजों में एक जैसी हैं:

  • शैक्षणिक योग्यता: छात्र को किसी मान्यता प्राप्त बोर्ड से 10+2 या इसके बराबर की परीक्षा पास होनी चाहिए।
  • मार्क्स: आमतौर पर 12वीं कक्षा में कम से कम 50% अंक होने चाहिए, हालांकि कुछ कॉलेजों में यह 45% भी हो सकता है।
  • स्ट्रीम: किसी भी स्ट्रीम (आर्ट्स, कॉमर्स या साइंस) के छात्र इस कोर्स के लिए अप्लाई कर सकते हैं।
  • भाषा: हिंदी भाषा पर अच्छी पकड़ होना एक बड़ी优势 है और कुछ कॉलेजों के लिए यह जरूरी भी हो सकता है।
  • एंट्रेंस एग्जाम: कुछ टॉप यूनिवर्सिटीज और कॉलेज अपने एंट्रेंस एग्जाम भी आयोजित करते हैं, जैसे CUET (कॉमन यूनिवर्सिटी एंट्रेंस टेस्ट)।

 

योग्यता का प्रकार विवरण
न्यूनतम शिक्षा 10+2 (किसी भी स्ट्रीम से)
न्यूनतम अंक आमतौर पर 50% (कॉलेज के अनुसार बदल सकता है)
एंट्रेंस एग्जाम CUET, IPU CET जैसे एग्जाम कुछ कॉलेजों के लिए जरूरी हो सकते हैं।
आयु सीमा आमतौर पर कोई ऊपरी आयु सीमा नहीं होती है।

BA (Hons.) in Hindi Journalism and Mass Communication में एडमिशन प्रक्रिया (Admission Process)

इस कोर्स में एडमिशन की प्रक्रिया हर कॉलेज में थोड़ी अलग हो सकती है, लेकिन मुख्य रूप से दो तरीके अपनाए जाते हैं:

  1. मेरिट-बेस्ड एडमिशन: ज्यादातर कॉलेज 12वीं के अंकों के आधार पर डायरेक्ट एडमिशन देते हैं। वे एक कट-ऑफ लिस्ट जारी करते हैं, और अगर आपके मार्क्स उस कट-ऑफ से ज्यादा हैं तो आपको एडमिशन मिल जाता है।
  2. एंट्रेंस-बेस्ड एडमिशन: दिल्ली यूनिवर्सिटी जैसी बड़ी सेंट्रल यूनिवर्सिटीज और कुछ प्राइवेट यूनिवर्सिटीज CUET जैसे एंट्रेंस एग्जाम के स्कोर के आधार पर एडमिशन देती हैं। एग्जाम के बाद काउंसलिंग और इंटरव्यू भी हो सकता है।

सरकारी और प्राइवेट कॉलेजों की एडमिशन प्रक्रिया में मुख्य फर्क यह होता है कि प्राइवेट कॉलेज अक्सर अपना खुद का एंट्रेंस टेस्ट और इंटरव्यू आयोजित करते हैं, जबकि ज्यादातर सरकारी कॉलेज नेशनल लेवल के टेस्ट (जैसे CUET) या 12वीं के मार्क्स को प्राथमिकता देते हैं।

BA (Hons.) in Hindi Journalism and Mass Communication कोर्स की फीस (Course Fees)

कोर्स की फीस इस बात पर बहुत निर्भर करती है कि आप सरकारी कॉलेज में पढ़ रहे हैं या प्राइवेट कॉलेज में। सरकारी कॉलेजों की फीस काफी कम होती है, जबकि प्राइवेट कॉलेजों में यह ज्यादा हो सकती है।

कॉलेज टाइप फीस (प्रति वर्ष, अनुमानित)
सरकारी कॉलेज/यूनिवर्सिटी ₹3,000 – ₹20,000
प्राइवेट कॉलेज/यूनिवर्सिटी ₹35,000 – ₹2,50,000

कई कॉलेज मेधावी छात्रों और आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के स्टूडेंट्स को स्कॉलरशिप भी देते हैं। सरकारी नियमों के अनुसार SC/ST/OBC वर्ग के छात्रों को फीस में छूट भी मिलती है।

BA (Hons.) in Hindi Journalism and Mass Communication के सब्जेक्ट्स और सिलेबस

यह तीन साल का कोर्स 6 सेमेस्टर में बंटा होता है। सिलेबस को इस तरह से डिजाइन किया गया है कि थ्योरी और प्रैक्टिकल दोनों पर बराबर ध्यान दिया जा सके। मुख्य विषय इस प्रकार हो सकते हैं:

  • संचार और जनसंचार का परिचय: इसमें कम्युनिकेशन के मॉडल और थ्योरी पढ़ाई जाती हैं।
  • हिंदी पत्रकारिता का इतिहास: भारत में हिंदी पत्रकारिता की शुरुआत से लेकर आज तक के विकास को समझाया जाता है।
  • रिपोर्टिंग और एडिटिंग: समाचार को इकट्ठा करने, लिखने और उसे पब्लिश करने लायक बनाने की कला सिखाई जाती है।
  • मीडिया कानून और नैतिकता: मीडिया से जुड़े कानून और एक पत्रकार की नैतिक जिम्मेदारियों के बारे में पढ़ाया जाता है।
  • रेडियो और टीवी पत्रकारिता: इलेक्ट्रॉनिक मीडिया के लिए कंटेंट तैयार करना, स्क्रिप्ट लिखना और प्रोडक्शन की तकनीकें सिखाई जाती हैं।
  • विज्ञापन और जनसंपर्क (PR): एडवरटाइजिंग और पब्लिक रिलेशन्स के कॉन्सेप्ट और स्ट्रैटेजी को समझाया जाता है।
  • डिजिटल मीडिया और वेब पत्रकारिता: ऑनलाइन न्यूज पोर्टल, सोशल मीडिया और मोबाइल जर्नलिज्म के बारे में पढ़ाया जाता है।
  • फोटो पत्रकारिता: तस्वीरों के माध्यम से कहानी कहने की कला सिखाई जाती है।

इसके अलावा, छात्रों को इंटर्नशिप, प्रोजेक्ट वर्क और मीडिया लैब में प्रैक्टिकल काम भी करना होता है, जो सिलेबस का एक अनिवार्य हिस्सा है।

BA (Hons.) in Hindi Journalism and Mass Communication के बाद करियर स्कोप और जॉब ऑप्शन्स

इस कोर्स को पूरा करने के बाद करियर के बहुत सारे दरवाजे खुल जाते हैं। हिंदी मीडिया इंडस्ट्री बहुत बड़ी है और इसमें हमेशा अच्छे प्रोफेशनल्स की जरूरत रहती है।

  • प्रिंट मीडिया: आप अखबारों और मैगजीन्स में रिपोर्टर, सब-एडिटर, या फीचर राइटर के तौर पर काम कर सकते हैं।
  • इलेक्ट्रॉनिक मीडिया: न्यूज चैनलों में एंकर, रिपोर्टर, वीडियो एडिटर या प्रोड्यूसर बन सकते हैं।
  • रेडियो: आप रेडियो जॉकी (RJ), न्यूज रीडर या प्रोग्राम प्रोड्यूसर के रूप में करियर बना सकते हैं।
  • डिजिटल मीडिया: न्यूज वेबसाइट्स, यूट्यूब चैनलों और सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स के लिए कंटेंट क्रिएटर, राइटर या मैनेजर बन सकते हैं।
  • विज्ञापन और पीआर: एडवरटाइजिंग एजेंसी या किसी कंपनी के पीआर डिपार्टमेंट में काम कर सकते हैं।
  • सरकारी नौकरियां: दूरदर्शन, ऑल इंडिया रेडियो और सरकार के विभिन्न मीडिया विभागों में भी नौकरियां निकलती हैं।

अगर आप आगे पढ़ना चाहते हैं, तो आप MA in Journalism and Mass Communication, MA in Hindi या संबंधित फील्ड में PG Diploma भी कर सकते हैं।

BA (Hons.) in Hindi Journalism and Mass Communication कोर्स के बाद सैलरी और करियर ग्रोथ

शुरुआत में सैलरी आपके स्किल्स, कॉलेज और शहर पर निर्भर करती है। फ्रेशर के तौर पर आप एक अच्छी शुरुआत की उम्मीद कर सकते हैं, और अनुभव के साथ सैलरी तेजी से बढ़ती है।

  • एंट्री-लेवल (Fresher): शुरुआत में एक पत्रकार या कंटेंट राइटर को ₹15,000 से ₹25,000 प्रति माह तक मिल सकते हैं।
  • मिड-लेवल (2-5 साल का अनुभव): कुछ साल के अनुभव के बाद सैलरी ₹30,000 से ₹60,000 प्रति माह तक हो सकती है।
  • सीनियर-लेवल (5+ साल का अनुभव): सीनियर रिपोर्टर, एडिटर या प्रोड्यूसर की सैलरी ₹70,000 प्रति माह से लेकर लाखों में हो सकती है।

 

लेवल अनुमानित सैलरी (INR में)
एंट्री लेवल ₹1,80,000 – ₹3,00,000 प्रति वर्ष
मिड लेवल ₹3,60,000 – ₹7,20,000 प्रति वर्ष
सीनियर लेवल ₹8,40,000+ प्रति वर्ष

भारत के टॉप कॉलेज्स – BA (Hons.) in Hindi Journalism and Mass Communication कोर्स के लिए

भारत में कई सरकारी और प्राइवेट कॉलेज यह कोर्स ऑफर करते हैं। यहाँ कुछ प्रमुख कॉलेजों की लिस्ट दी गई है:

कॉलेज/यूनिवर्सिटी का नाम शहर/राज्य एडमिशन प्रोसेस रैंकिंग/हाइलाइट्स
दिल्ली यूनिवर्सिटी (विभिन्न कॉलेज जैसे- राम लाल आनंद कॉलेज, अदिति महाविद्यालय, भीम राव अंबेडकर कॉलेज) दिल्ली CUET स्कोर पर आधारित भारत की टॉप सेंट्रल यूनिवर्सिटी में से एक।
इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ मास कम्युनिकेशन (IIMC) (PG Diploma के लिए प्रसिद्ध) नई दिल्ली CUET PG स्कोर भारत का सबसे प्रतिष्ठित मीडिया संस्थान माना जाता है।
माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता एवं संचार विश्वविद्यालय भोपाल, मध्य प्रदेश यूनिवर्सिटी एंट्रेंस टेस्ट भारत का पहला पत्रकारिता विश्वविद्यालय।
जामिया मिलिया इस्लामिया नई दिल्ली यूनिवर्सिटी एंट्रेंस टेस्ट अपने मास कम्युनिकेशन रिसर्च सेंटर के लिए प्रसिद्ध है।
लखनऊ यूनिवर्सिटी लखनऊ, उत्तर प्रदेश मेरिट/एंट्रेंस टेस्ट राज्य की एक प्रमुख यूनिवर्सिटी है।
एपेजय सत्य यूनिवर्सिटी (Apeejay Stya University) गुरुग्राम, हरियाणा मेरिट/एंट्रेंस टेस्ट प्राइवेट यूनिवर्सिटी में एक अच्छा विकल्प।

BA (Hons.) in Hindi Journalism and Mass Communication के बारे में अंतिम शब्द

दोस्तों, अगर आपको लगता है कि आप समाज की आवाज बन सकते हैं और अपनी कलम या कैमरे से बदलाव ला सकते हैं, तो यह कोर्स आपके लिए ही बना है। यह सिर्फ एक डिग्री नहीं है, बल्कि एक ऐसा रास्ता है जो आपको एक जिम्मेदार और सफल मीडिया प्रोफेशनल बनाता है। एडमिशन लेने से पहले, अपनी पसंद के कॉलेज की ऑफिशियल वेबसाइट जरूर चेक करें ताकि आपको लेटेस्ट जानकारी मिल सके। अगर आपके मन में कोई और सवाल है, तो बेझिझक पूछें!

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